A hindi story with moral : story in hindi Khajooro ki chaah
खजूरों की चाह
स्वयं को मालिक को सौंप दो और शैतान का सामना करो तो वह तुम्हारे पास से भाग निकलेगा। परमेश्वर के निकट आओ तो वह भी तुम्हारे निकट आएगा । -सेंट जेम्स
एक महात्मा बाजार में से गुजर रहा था। रास्ते में एक कुंजड़े ने खजूरे बेचने के लिए रखी हुई थी। मन ने कहा कि खजूर लेनी चाहिए। उसने मन को समझाया। मन दुनिया के विषय विकारों का आशिक है। जब रात को सोया तो खजूर सामने आ गई। सारी रात मन भजन में ना लगा।
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विवश होकर सवेरे जंगल में गया। एक बड़ा गट्ठा लकड़ियों का जितना उठा सकता था उठाया। मन से कहा कि तुझे खजूर खानी है तो बोझ उठा। गट्ठा उठा कर थोड़ी दूर ही चलता था कि गिर पड़ता फिर चलता फिर गिर पड़ता। एक गट्ठा उठाने की हिम्मत नहीं थी दो गट्टा के बराबर बोझ उठा लिया।
बार-बार गिरता लेकिन फिर चल पड़ता था। मन से बोला कि तुझे खजूरे खानी है तो बोझ उठा। मुश्किल से दो ढाई मिल चलकर शहर पहुंचा लकड़ियां बेची जो पैसे मिले उनके खजूर खरीद कर जंगल में ले गया। खजूर सामने रखी। फिर मन से कहा कि आज तूने खजूर मांगी है कल फिर और कोई अच्छे खाने अच्छे-अच्छे कपड़े मांगेगा फिर स्त्री मांगेगा।
A hindi story with moral : story in hindi Khajooro ki chaah
अगर स्त्री आई तो बाल बच्चे होंगे। तब तो मैं तेरा ही हो जाऊंगा। एक मुसाफिर जा रहा था उसे बुलाकर बोला ले भाई ली यह खजूर ले जा। अगर मन का कहना नहीं मानोगे तो मनुष्य जन्म का लाभ उठाओगे अगर मानोगे तो मन के गुलाम बने रहोगे। शिष्य को चाहिए कि गुरु के हुक्म में रहे मन के कहे ना चले। जो गुरु की मर्जी हो वही करनी चाहिए चाहे घास खोदने का ही हुक्म हो।